UPSI 2025 Mool Vidhi Chapterwise Solved Paper: जनहित याचिका

UPSI 2025 Mool Vidhi Chapterwise Solved Paper: जनहित याचिका  उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRB) उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी, एक लिखित और एक शारीरिक परीक्षा। लिखित परीक्षा के लिए, उम्मीदवारों को परीक्षा पैटर्न और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार को समझना चाहिए।

परीक्षा को समझने और उसकी तैयारी करने का एक शानदार तरीका UP पुलिस SI पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना है। इन पत्रों का अभ्यास करने से परीक्षा प्रारूप की स्पष्ट समझ मिलती है और समय प्रबंधन में मदद मिलती है। इस लेख में, हमने उम्मीदवारों के लिए पिछले वर्ष की पीडीएफ को समाधान के साथ साझा किया है।

UPSI 2025 Mool Vidhi Chapterwise Solved Paper: जनहित याचिका

जनहित याचिका क्या है?:

● सार्वजनिक हितों की रक्षा के लिए मुकदमें का एक प्रावधान है। यह जरूरी नहीं है कि पीड़ित पक्ष इसे अदालत में दायर करे या उपस्थित हो। कोई भी अन्य व्यक्ति या संस्था (लेकिन अपना निजी हित ना हो) इसे दायर कर सकती है। यह किसी भी नागरिक या स्वयं न्यायालय द्वारा पीड़ित के पक्ष में दायर की जा सकती है।

● विश्व में जनहित याचिका का विचार सबसे पहले ‘संयुक्त राज्य अमेरिका’ में आया था। भारत में जनहित याचिका की शुरूआत 1980 के दशक में हुई थी। भारत के पूर्व न्यायाधीश पी. एन. भगवती को जनहित याचिका का जनक माना जाता है तथा जनहित याचिका की जननी ‘पुष्पा कपिला हिंगोरानी’ है।

● 1986 में सभी तकनीकों को छोड़कर केवल एक मात्र पोस्ट कार्ड को ही PIL (जनहित याचिका) के रूप में मान्यता दी।

● देश का पहला जनहित वाद “हुसैन आरा खातून बनाम बिहार राज्य (1979)” था। इस मामले में एक एडवोकेट द्वारा विभिन्न जेलों में कैद हजारों विचाराधीन कैदियों की स्थिति पर हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर रिपोर्ट के आधार पर जनयाचिका दायर की गई थी। इसके तहत 40 हजार लम्बित कैदियों को रिहा किया गया।

अन्य प्रमुख वादः-

1. सहेली (संस्था) बनाम पुलिस कमिश्नर (9 वर्ष के बच्चे की पुलिस द्वारा पीटने के दौरान मौत हो जाने से संबंधित)

2. शीला वारसे बनाम भारत संघ 1986 (16 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को सुधार गृह में रखे जाने से संबंधित)

3. एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ (दिल्ली में प्रदूषण कर रहे 168 कारखानों को स्थानान्तरित किया गया)

4. परमानन्द कटारा बनाम भारत संघ (घायल व्यक्ति को जल्द से जल्द चिकित्सीय व्यवस्था के संबंध में)

5. जावेद बनाम हरियाणा राज्य (दो या दो अधिक जीवित बच्चे वालों का ग्राम पंचायत में कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा)।

● कोर्ट को अधिकार होगा कि वह याचिका के लिए सामान्य शुल्क को माफ कर दे।

● कोई भी नागरिक याचिका दायर करके सार्वजनिक मामला दायर कर सकता है:-

● भारतीय संविधान की धारा 32 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय में

● भारतीय संविधान की धारा 226 के तहत, उच्च न्यायालय में

● दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के अतंर्गत मजिस्ट्रेट की अदालत में।

● जनहित याचिका किसी राज्य / केंद्र सरकार, नगर निगम प्राधिकारियों के खिलाफ दायर की जा सकती है, न कि किसी निजी पार्टी के खिलाफ ।

जनहित याचिका को दायर करने की प्रक्रियाः-

● यदि आप उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर रहे हैं तो याचिका की दो प्रतियाँ (रजिस्ट्रार के आदेश द्वारा पारित) अदालत में जमा करें; साथ ही याचिका की एक प्रति प्रत्येक प्रतिवादी को पहले से देनी होगी और प्रतिवादियों को प्रति देने का यह प्रमाण याचिका में लगाना होगा।

● यदि आप उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में जनहित याचिका दायर कर रहे हैं तो याचिका की पाँच प्रतियाँ (रजिस्ट्रार के आदेश द्वारा पारित) अदालत में जमा करनी होंगी। प्रतिवादी को प्रति तभी दी जाती है जब न्यायालय से नोटिस जारी किया जाता है।

नोटः- न्यायालय चाहे तो PIL को अस्वीकृत कर सकती है।

जनहित याचिका और रिट याचिका में अंतर

● रिट व्यक्तियों या संस्थानों द्वारा निजी लाभ के लिए दायर की जाती है, जबकि याचिकाएं सार्वजनिक हित के लिए दायर की जाती हैं।

किन परिस्थितियों में हम जनहित याचिका दायर कर सकते हैं:-

1. गरीबों के न्यूनतम मानव अधिकारों के हनन के संबंध में।

2. मौलिक अधिकारों के हनन पर।

3. राजनैतिक भ्रष्टाचार, अपराध को रोकने हेतु।

4. जब सरकारी अधिकारी कर्तव्य व दायित्व को पूरा न कर रहें हों।

5. बालश्रम और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ ।

6. सड़क, नालियों के रख रखाव के लिए।

7. व्यस्त सड़कों पर विज्ञापन।

8. सड़कों पर रोशनी की व्यवस्था।

9. लैंगिक शोषण से महिलाओं के बचाव के लिए।

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पिछले 2 व अधिक सालों से जीवित, सजीव, बेबाक और ठोस लेखनी की छाप छोड़ते आये इंजीनियर उमेश यादव, जिला फिरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। आगरा विश्वविघालय से B.A और UPBTE से पॉलीटेक्निक डिप्लोमा (ME) और UPBTE से B.Tech (ME)करने के बाद आजकल फिरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश मे रहते हुए स्वतंत्र लेखन कार्य के प्रति प्रतिबद्ध व समर्पित है। सरकारी नौकरी, प्राईवेट नौकरी, के सभी विषय बार + Chepter Wise Study material सहित अन्य सभी विषयों पर गंभीर, जुझारू और आलोचनात्मक / समीक्षात्मक लेखनी के लिए इंजीनियर उमेश यादव कई बार विवादों का शिकार होते हुए निडरतापूर्वक लेखन करने के लिए जाने जाते है।

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