उज्जवल भविष्य की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों के बीच एक बेहतर विकल्प के चयन हेतु असमंजस की स्थिति बने रहना स्वाभाविक है राज्य लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तथा अन्य सरकारी संगठनों द्वारा आयोजित परीक्षाएं राज्य स्तर पर सर्वाधिक लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित विकल्प हैं यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी राज्य सेवा परीक्षा की ओर आकर्षित एवं सफल होते रहे हैं इसकी मुख्य वजह इन दोनों ही परीक्षाओं की प्रकृति प्रक्रिया के पाठ्यक्रम में थोड़ा बहुत अंतर होने के बावजूद काफी समानता का होना है ऐसे अनेक उदाहरण हैं जहां प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी एक दिवसीय परीक्षा में तथा एक दिवसीय परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी इन प्रशासनिक सेवा अभ्यर्थियों में सफल होते हैं ऐसे में सफलता सुनिश्चित करने के क्रम में हमारी प्राथमिकता यह होनी चाहिए की परीक्षा की प्रकृति के अनुरूप एक ठोस एक गतिशील रणनीति बनाई जाए इस अंक में यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति पर चर्चा की जा रही है
परीक्षा की प्रकृति
परीक्षा की प्रकृति
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ परीक्षा तीन चरणों में संपन्न होती है प्रतियोगी की गंभीरता परिपक्वता के योग्यता को रखने के लिए तीनों चरणों ही की प्रकृति अलग-अलग होती है
प्रथम चरण:- प्रारंभिक परीक्षक (वस्तुनिष्ठ प्रकृति)
द्वितीय चरण मुख्य परीक्षा लिखित वर्णनात्मक प्रकृति
तृतीय चरण:- साक्षात्कार (मौखिक प्रकृति)
प्रारंभिक परीक्षा की प्रक्रिया :-
👉 प्रारंभिक परीक्षा एकदिवसीय होती है यह परीक्षा आयोग द्वारा निर्धारित तिथि पर राज्य के विभिन्न परीक्षा केदो पर संपन्न कराई जाती है इस परीक्षा में दो अनिवार्य प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन प्रथम और सामान्य अध्ययन द्वितीय होते हैं इसलिए परीक्षा का आयोजन भी प्रश्न पत्र भर दो-दो घंटे की अवधि की दो पारियों मे कराया जाता है दोनों पालियों के बीच 3 घंटे का अंतराल होता है सामान्य अध्ययन द्वितीय को सीसेट भी कहा जाता है इस परीक्षा का उद्देश्य मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यर्थी का चयन करना है अंतिम चयन सूची केवल मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर निर्मित की जाती है प्रारंभिक परीक्षा में कट का निर्धारण प्रथम प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है जबकि द्वितीय प्रश्न पत्र सी सेट का स्वरूप क्वालीफाइंग होता है द्वितीय प्रश्न पत्र के लिए क्वालीफाइंग यानी न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है इस परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा और उत्तर प्रदेश सहायक वन संरक्षण तथा क्षेत्रीय वन अधिकारी पदों हेतु परीक्षा के लिए एक ही प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाती है क्योंकि दोनों ही परीक्षाओं के लिए कट ऑफ का निर्धारण तथा अगले चरण की परीक्षा अलग-अलग होती हैं इसलिए काॅमन प्रारंभिक परीक्षा की वजह से प्रतिस्पर्धा में कोई खास इजाफा नहीं होता है
प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति
किसी भी प्रकार की स्पर्धा में विजेता वही होता है जिसने अपनी तैयारी शुरुआत से की हो इस दृष्टि से अभ्यर्थी के लिए उचित होगा कि वह सर्वप्रथम परीक्षा के पाठक कम का अध्ययन करें एवं उसके समस्त भागों तथा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुविधा व रुचि के अनुसार वरीयता क्रम निर्धारित करें
तत्पश्चात पूर्व में आयोजित हो चुकी प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का सूचना अवलोकन करें जिन विषय और टॉपिक से ज्यादा प्रश्न पूछने की प्रकृति दिखाई देती है उनका विशेष ध्यान रखें
👉 इस अवलोकन से यह अंदाजा लगाया आसान हो जाएगा की परीक्षा के अनुरूप हमें किन पर अपनी अवधारणा आत्मक एवं तथ्यात्मक जानकारी मजबूत करनी है
👉 संपूर्ण पाठ्यक्रम की अध्ययन सामग्री को रट लेना किसी भी विद्यार्थी के लिए संभव नहीं है ऐसे में बेहतर होगा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ अध्ययन किया जाए इससे तथ्यों को याद रखने में आसानी होगी उदाहरण के लिए अगर हम भारत के भूगोल को उसके नक्शे के साथ पड़ेंगे तो तथ्यों की पूरी एक श्रृंखला ही हमारे दिमाग में छप जाएगी प्रयास करें कि शॉर्ट नोट्स साथ-साथ बनाते चलें
सामान्यतः इस परीक्षा का कट ऑफ 65 से 75% अंकों तक रहता है किंतु कभी-कभी प्रश्नों की कठिनाई के स्तर की वजह से यह कट ऑफ थोड़ा काम ज्यादा भी हो सकता है इसके मुताबिक ही अभ्यर्थियों को अपना टारगेट स्कोर सेट करना चाहिए
👉 इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थी के नियमित अध्ययन को अपनी सफलता का मूल मंत्र माना है अतः अपनी नियमित दिनचर्या से 5 से 6 घंटे का समय अध्ययन के लिए निकालना उचित होगा यदि समसामयिक घटनाएं एवं रिवीजन के लिए भी एक-दो घंटे का समय देते हैं तो काफी बेहतर स्थिति में रहेंगे
👉 आपकी सुविधा के लिए हमने पिछले 6 वर्षों की प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्रों का विषय बार ट्रेंड्स एनालिसिस तैयार किया है इस सारणी से स्पष्ट है कि प्रश्न पत्रों के सभी खंडो को हर वर्ष अनुमानित रूप से लगभग बराबर महत्व दिया जा रहा है हालांकि उत्तर प्रदेश विशेष से संबंध प्रश्नों की संख्या आनुपातिक रूप से कम है
2023 मैं पूछे गए प्रश्न की संख्या:- इतिहास 26 प्रश्न, भूगोल 24 प्रश्न, भारतीय राजव्यवस्था 22 प्रश्न, सामान्य विज्ञान एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी 19 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रश्न, पर्यावरण 8 प्रश्न, जनसंख्या 3 प्रश्न, करंट अफेयर 31 प्रश्न, उत्तर प्रदेश विशेष 6 प्रश्न
2022 मैं पूछे गए प्रश्नों की संख्या:- इतिहास 24 प्रश्न, भूगोल 23 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 19 प्रश्न ,सामान्य विज्ञान एक विज्ञान प्रौद्योगिकी 22 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 15 प्रश्न, पर्यावरण 8 प्रश्न ,जनसंख्या 1 प्रश्न, करंट अफेयर 30 प्रश्न, उत्तर प्रदेश विशेष 8 प्रश्न
2021 में पूछे गए प्रश्नों की संख्या:- इतिहास 18 प्रश्न, भूगोल 22 प्रश्न, भारतीय राजव्यवस्था 25 प्रश्न, सामान्य विज्ञान एक विज्ञान प्रौद्योगिकी 25 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 13 प्रश्न, पर्यावरण 10 प्रश्न, जनसंख्या 8 प्रश्न, करंट अफेयर्स 27 प्रश्न, उत्तर प्रदेश विशेष 5 प्रश्न
2020 मैं पूछे गए प्रश्नों की संख्या:- इतिहास 24 प्रश्न ,भूगोल 21 प्रश्न, भारतीय राजव्यवस्था 23 प्रश्न, सामान्य विज्ञान एक प्रौद्योगिकी 12 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 19 प्रश्न, पर्यावरण 19 प्रश्न ,जनसंख्या 3 प्रश्न ,करंट अफेयर 21 प्रश्न, उत्तर प्रदेश 8 प्रश्न
2019 मैं पूछे गए प्रश्नों की संख्या:- इतिहास 26 प्रश्न, भूगोल 24 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 19 प्रश्न, सामान्य विज्ञान में विज्ञान प्रौद्योगिकी 23 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 18 प्रश्न, पर्यावरण 22 प्रश्न ,जनसंख्या 0 प्रश्न (प्रश्न नहीं आए थे) , करंट अफेयर 18 प्रश्न, उत्तर प्रदेश विशेष 0 प्रश्न (प्रश्न नहीं)
2018 मैं पूछे गए प्रश्नों की संख्या:- इतिहास 22 प्रश्न, भूगोल 24 प्रश्न, भारतीय राजव्यवस्था 19 प्रश्न, सामान्य विज्ञान एक विज्ञान प्रौद्योगिकी 16 प्रश्न, भारतीय अर्थव्यवस्था 9 प्रश्न, पर्यावरण 26 प्रश्न ,जनसंख्या 8 प्रश्न, करंट अफेयर 21 प्रश्न ,उत्तर प्रदेश 5 प्रश्न
👉 इस एनालिसिस से यह भी स्पष्ट है कि यदि किसी वर्ष किसी विषय में कम प्रश्न पूछे गए हैं तो अगले वर्ष उसे विषय में ज्यादा प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं अतः किसी भी परीक्षा विषय को कम आंखना उचित नहीं होगा उत्तर प्रदेश राज्य विशेष के साथ-साथ सामान्य अध्ययन के सभी करो की तैयारी के लिए अच्छी बुक्स और नोटिस का अध्ययन करना चाहिए
👉 समसामयिक की घटनाओं के प्रश्नों की प्रकृति और संख्या को ध्यान में रखते हुए आप नियमित रूप से किताब की दुकान पर जाकर किताब को उपलब्ध कर अध्ययन कर सकते हैं इसके साथ ही मासिक पत्रिका उत्तर प्रदेश करंट अफेयर का अध्ययन करना भी लाभदायक होगा वैसे तो सामान्य अध्ययन के सभी करो के लिए बुक्स आसानी से मिल जाती है फिर भी यदि आप अपनी तैयारी को और रखना चाहते हैं तो इसके लिए आप प्रीलिम्स प्रेक्टिस सीरीज की पुस्तकों का अध्ययन भी कर सकते हैं
👉 अपने क्वालीफाइंग स्वरूप के चलते द्वितीय प्रश्न पत्र भी पर्याप्त गंभीरता की मांग करता है प्रथम प्रश्न पत्र की तरह ही इस प्रश्न पत्र में भी गणित तर्कशक्ति हिंदी आदि से संबंधित प्रश्नों का अध्ययन पूर्व में पूछे गए प्रश्नों को विभिन्न खंड में वर्गीकृत करके किया जा सकता है इस प्रश्न पत्र के लिए भी यूपी पीसीएस प्रीलिम परीक्षा की जो पुस्तक है वही लाभकारी होगी अपनी तैयारी को धार देने के लिए प्रारंभिक परीक्षा की तिथि से सामान्यतः 15-20 दिन पूर्व उपलब्ध मॉडल पेपर सहित विगत वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को निर्धारित समय सीमा के अंदर हल करने का प्रयास करना लाभकारी होगा
👉 अपनी तैयारी को अंतिम रूप से रखने के लिए आप इस परीक्षा पर आधारित कोई टेस्ट सीरीज जॉइन कर सकते हैं इससे निश्चित समय सीमा में प्रश्नों को हल करने तथा समय प्रबंधन की दक्षता में भी वृद्धि होगी इसके लिए आप टेस्ट सीरीज जॉइन कर सकते हैं
प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी का अंतिम चरण
👉 परीक्षा के दो-तीन दिन पहले से कुछ भी नए खंड या टॉपिक पढ़ने से बचें अपनी तैयारी पर विश्वास बनाए रखें अपने अब तक जितना पढ़ा है उसी का रिवीजन करें याद रखें कि तनाव लेने से परीक्षा में आपका प्रदर्शन बेहतर होने की वजह कम हो जाएगा इसलिए तनाव मुक्त रहें परीक्षा वाली रात भरपूर नींद लेने प्रारंभिक परीक्षा के दौरान प्रश्नों के उत्तर देने के क्रम को लेकर जाकर अभ्यर्थी में असमंजय की स्थिति बनी रहती है उत्तर देने का क्रम क्या हो इसका उत्तर सभी के लिए एक समान नहीं हो सकता इसका निर्धारण आपकी तैयारी पर निर्भर करता है अगर आपकी सामान्य अध्ययन के सभी विषयों पर पकड़ एक गति संतोषजनक है तो आप एक तरफ से उत्तर देते हुए आगे बढ़ सकते हैं अगर आपकी स्थिति इतनी सुरक्षित नहीं है तो सबसे पहले आप उन प्रश्नों को हल करें जिनके उत्तर के लिए आप पूरी तरह स्वस्थ हैं और जो सबसे कम समय लेते हो फिर उन प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें जिनके विकल्पों में आपको थोड़ा बहुत ही संशय हो जिन प्रश्नों के संबंध में आपको लगता है कि वह पर्याप्त समय मिलने पर हल किया जा सकते हैं उन्हें कोई निशान लगाकर छोड़ते चलें क्योंकि नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है इसलिए उत्तर का चुनाव सावधानी पूर्वक करें तथा सभी प्रश्नों को अटेंड करने का अनावश्यक दबाव न लें आपकी जी खंड में पकड़ अच्छी हो उससे पूछे जाने वाले प्रश्नों को पहले हर कर लेना चाहिए क्योंकि उसमें समय कम लगेगा और उत्तर ठीक होने की संभावना भी ज्यादा होगी यह प्रश्न हल करने के बाद आपकी स्थिति काफी मजबूत हो चुकी होगी इससे आपको आगे के प्रश्नों के लिए पर्याप्त समय तो मिलेगा ही साथ ही अन्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा मनोवैज्ञानिक बढ़त भी हासिल होगी सीसेट के प्रश्न पत्र में भी प्रश्न प्रथम प्रश्न पत्र की तरह उन प्रश्नों को पहले हल करना ठीक होगा जिसमें समय कम लगता हो और उत्तर ठीक होने की संभावना भी ज्यादा हो परीक्षा की तैयारी की लंबी प्रक्रिया में निराशा हावी हो सकती है ऐसे में यह भरोसा रखना आवश्यक है कि अलग कुछ भी नहीं है जब आप एक सटीक रणनीति के साथ तैयारी करेंगे तो मंजिल आपसे ज्यादा देर तक दूर नहीं रह सकती
आपके उज्जवल भविष्य के लिए www.Gyanseva24.Com वेबसाइट के माध्यम से अग्रिम शुभकामनाएं